पतझड़

शरद ऋतु के आते ही, रंग बरसाते वृक्षों को देखा
धीमे-धीमे फिर मौसम का मिजाज बदलते देखा।
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पतझड़ तो मौसम का फेरा, फिर वृक्षों को हरे होते देखा
जिस घर आया पतझड़, उस घर को खण्डहर होते देखा।
अपर्णा शर्मा
Oct.7th,25

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