ब्याह की मेहंदी

इन सुर्ख हाथों में छिपे होते,अनंत एहसास
पिता की उदासी और पिया का अनुराग।
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दो घरों में बंटती हुई,बेटियों की शख्सियत
और घिरे होते अनिश्चितताओं के ढेरों बादल।
अपर्णा शर्मा
June3rd,25

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