शांत पड़े गहरे पोखर में ,आज हलचल मचती रही
यादों की कंकरी, पुरजोर, आज शोर करती रही।
https://ae-pal.com/
जिन यादों को,झील सा शांत समझ लिया था अपर्णा
उन यादों के, बवंडर में,ख़्यालों की सुनामी उठती रही।
अपर्णा शर्मा
Sept.10th,24
शांत पड़े गहरे पोखर में ,आज हलचल मचती रही
यादों की कंकरी, पुरजोर, आज शोर करती रही।
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जिन यादों को,झील सा शांत समझ लिया था अपर्णा
उन यादों के, बवंडर में,ख़्यालों की सुनामी उठती रही।
अपर्णा शर्मा
Sept.10th,24
Bahoot hi gazab👍🏻👍🏻👍🏻
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😊
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sunder
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Thankyou
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