मायूस घर

किसने कहा, कि त्योहार केवल इंसान ही मनाते हैं
उनके संग संग घर के दरदीवार भी मुस्कुराते हैं
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त्योहार गुजरते ही,जब इंसान निकल जाते है अपनी कर्मभूमि को
मायूस घर,दूसरे त्योहार के इंतजार में, वहीं खड़े रह जाते हैं
अपर्णा शर्मा
March26th,24

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