साथ

मंज़िल की तलाश में
चलते रहे दूर राह में
सोचों से रहे बहुत दूर
चलते रहे बस साथ में।
https://ae-pal.com/
हाथ अपने ही हाथ में
डूबे अपने ही विचार में
वो बनकर हमसफर
अनजान से पूरे सफर में।
https://ae-pal.com/
दिखे नहीं किसी विवाद में
पड़े नहीं कभी तकरार में
बस साथ है कि साथ है
न इकरार में न इजहार में।
अपर्णा शर्मा
April25th,2025

2 thoughts on “साथ

Add yours

Leave a reply to gaursamarth Cancel reply

Blog at WordPress.com.

Up ↑