स्मृति

आजीवन कोई साथ नहीं देता
यादें ही साथ निभाती हैं
शरीर कभी साथ नहीं देते
रिश्तों में याद रह जाती हैं।
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छोड़ चले अपने जो संसार 
वो यादों में रिसते हैं
भरे पूरे इस संसार में
हम उजड़े से रहते हैं।

रिश्तें की मजबूती जो
जो हरपल जीना सिखलाती
वो यादों की पोटली बन
जीवन जीर्ण-शीर्ण कर जाती।
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एहसास सदा ही जिवित रहते
वो कभी नहीं मरते
स्मृति चिन्हों के विसर्जन से भी
स्मृतियों संग ही जीते।
अपर्णा शर्मा
Jan.17th,25

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