तुम्हें पता है न
मेरा तुमसे पहले उठ जाना
सब कुछ व्यवस्थित करना
हर वस्तु को सही स्थान देना
नहीं पता इसके पीछे छुपा प्रेम।
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तुम्हें पता है न
मेरा हर पल परेशान रहना
परेशानी में साथ खड़े रहना
और तुम पर आँच न आने देना
नहीं पता इसके पीछे छुपा प्रेम।
तुम्हें पता है न
मेरा हर खुशी को जश्न में बदलना
जश्न में जोश से हरपल भरे रहना
हरपल को नया आयाम देते रहना.
नहीं पता इसके पीछे छुपा प्रेम।
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तुम्हें पता है न
घर को चलाएमान रखने का अंदाज
जिंदगी में सुरों की सरगम की ताल
मैं और तुम का हम,जो बना हमराज
बस नहीं पता इसके पीछे छुपा प्रेम।
अपर्णा शर्मा
Dec.15th,23

बेजोड़ कविता
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Thank you 😊
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