जिद

जो जिद लक्ष्य को पहुंचाए
मन में जगह बनाती है
गर लक्ष्य विहीन कर जाए
फिर कहाँ सुहाती है?
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बालहठ और स्त्रीहठ
प्रसिद्ध खूब है दुनिया में
युवामन की हठ से ही
नए आयाम पाए दुनिया ने।

कभी कभी बुजुर्ग भी
जिद पर ऐसे अड़ जाते हैं
घर-बाहर, सभी दिशा में
सबकी नींद उड़ाते है।
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जिद वहीं है,जो स्वयं ही
पाली पोसी जाती है
खुद को खूब खुश करे और
औरों के होश उड़ाती है।
अपर्णा शर्मा
Oct.27th,23

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