साँझ

जीवन के सफर में आते कई पड़ाव
कभी आशा भरी होती सुर्ख उजास
ऊँचाईयां छूता मध्याह्न जीवन का
फिर शीतलता दे जाती जीवन में साँझ।

https://ae-pal.com/

साँझ अप्रतिम सी करती भाव विभोर
नित नई महफिल से लगे जीवन की भोर
सभी कार्यों से निवृत्त जीवन देता असीम सूकून
शौक अपने पूर्ण करे अब नहीं किसी से होड़।


https://ae-pal.com/
साँझ को रात ना समझना यारो
ये साँझ मेहनत का फल तुम जानो
जीवन में रात जब अपनी चादर तानेगी
साँझ के ये पलछिन ही देंगे, नई ऊर्जा प्यारों।
अपर्णा शर्मा
Oct.13th,23

2 thoughts on “साँझ

Add yours

Leave a reply to Anonymous Cancel reply

Blog at WordPress.com.

Up ↑