रिश्तों की दुनिया

जन्म से पूर्व मिल जाते हैं स्नेही से रिश्ते
जीवन की राह में घुलमिल जाते मधुर रिश्ते

अनवरत प्रयास से पुष्प पल्लवित हो जाते रिश्ते
फिर क्यूँ जख़्म सी पीड़ा दे जाते हैं जीवन में रिश्ते
https://ae-pal.com/
अति अनुराग में विपुल वेदना दे जाते हैं रिश्ते
सर्वस्व न्यौछावर से भी उपेक्षित रह जाते रिश्ते

आजीवन नहीं जी पाते,स्वार्थ से जुड़े स्वार्थी रिश्ते
जीवन की डगर में जुड़ जाते हैं ऐसे अनेकों रिश्ते
https://ae-pal.com/
नाटकीय प्रेम, स्वार्थ से मुरझा जाते हैं रिश्ते
धीरे धीरे फिर कहीं दम तोड़ जाते हैं मधुर रिश्ते

महत्ता जान कर,त्रुटि मान लेते हैं जो रिश्ते
प्रायः पुनर्जन्म ले पुनः अंकुरित,हो जाते हैं रिश्ते

4 thoughts on “रिश्तों की दुनिया

Add yours

Leave a reply to Aparna Sharma Cancel reply

Blog at WordPress.com.

Up ↑