गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी का त्योहार
उल्लासित तन मन, बह रही मधुर बसंत बयार ।
पीली पीली सरसों,जैसे धरती पर सजी रंगोली
इन्द्रधनुषी पतंगों ने खुशियों में मिश्री घोली ।
धरती से अंबर तक फैली है नई ऊर्जा भरी तरंग
हर भारतीय के मुख पर छाई आनंद भरी उमंग ।
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गणतंत्र हमारा, कर्तव्य-अधिकार का बोध कराता
माँ भारती का अर्चन, ज्ञान का प्रकाश मार्ग दिखाता ।
बसंती चोला पहना जब वीरों ने,देश में गणराज है आया
बसंतपंचमी ने संग मे,आज गणतंत्र का मान बढ़ाया ।

Uttam
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हार्दिक आभार
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