बेटे -बेटियाँ दोनों खुद के आशियाँ बसा लेते हैं
अपने -पराए से परे अपने आसमाँ खुद तलाशते हैं।
https://ae-pal.com/
दोनों के ही अपने बेहतरीन वज़ूद सदा से रहे हैं
अधिक और कमतर बस सोच के ही मामले हैं।
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दोनों के ही अपने बेहतरीन वज़ूद सदा से रहे हैं
अधिक और कमतर बस सोच के ही मामले हैं।
अच्छा और
सच लिखा है
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हार्दिक आभार 😊
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