ऋतु पर्व



मकर संक्रांति से पूर्व की रात्रि
शरद ऋतु की अंतिम दीर्घ रात्रि।

लोहड़ी का पर्व मनाते,गाते बधाइयाँ
बाँटते रेबड़ी,मूँगफली,गिद्दे पाती लड़कियां।

लकड़ी,कंडे सजी लोहड़ी,और दूल्ला भाटी की कहानी
बहू बेटियों को आशीषों से नवाजती दादी नानी।

https://ae-pal.com

खूब उत्साह से परिपूर्ण होती लोहड़ी की रात्रि
अभ्यागत प्रातः,सूर्य की मकर राशि में होती संक्राति।

उत्तरायण को तत्पर आज से ही प्रत्यक्ष प्रभु
पोंगल, बिहू, अनेकों नाम से पूजे जाते भानु।

खिचड़ी,तिल,गुड़ खाने और दान की पुरातन परिपाटी
वहीं रंग-बिरंगी पतंगे,पर्व में पूर्ण उत्साह भरती रीति।

नई ऊर्जा से दीप्त हम कर रहे उत्तरायणी सूर्य का स्वागत
नई ऋतु,नई फसलों का उत्सव मन रहा अवनी से अंबर तक। अपर्णा शर्मा Jan.13th,23

4 thoughts on “ऋतु पर्व

Add yours

Leave a reply to Anonymous Cancel reply

Blog at WordPress.com.

Up ↑