इम्तिहानों का सफर



गोद में चूम कर,वालदेन ने बच्चे को,दुनिया में आगाज कराया.

फिर प्यार, मोहब्बत और रोक टोक से दुनिया का अंदाज़ बताया.


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कभी मुगालते में न रहना, कि ज़िंदगी फूलों से खिली खुशनुमा सहर है.

हमारे दिल -ए -अजीज ये ज़िंदगी एक इम्तिहानों का सफर हैं.

8 thoughts on “इम्तिहानों का सफर

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  1. बच्चे का प्यार से जीवन में स्वागत और जीवन के उतार चढ़ाव दोनों को ही दिल से लिखा है। और सार्थक प्रयास किया है

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