मनुष्य जीवन पाया है तो मुश्किलों का आगमन लगा रहेगा
पर हर मुश्किल को पछाड़ मनुष्य कभी भी हिम्मत न हारना।
पहाड़ जैसे दुःख से जब जीवन लगे डरावना
पहाड़ से जैसे ही अडिग होकर हर कष्ट को हराना।
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जब कभी जीवन में दिशाहीन सा उदेश्य हो जाए
नदी के जैसे आगे बढ़ कर समुद सा लक्ष्य पा जाना।
पतझड़ सा उदासी भरा मन जब जीवन निर्जनता दे जाए
तब नई कोपलों का इंतजार वृक्षो सा,मानव तुम करना।
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कड़वाहट सी इस दुनिया में जब रिश्ते खारे हो जाए
रिश्तो को अपने में समा कर समुद्र सा खारापन पी जाना।
तेज धूप सा जीवन में जब मान से तुमको सम्मान मिले
तब परछाई की भाँति तुम जमीन से जुड़ कर जी जाना।
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इस सबसे यहीं है जाना, प्रकृति के नजदीक तू हरदम रहना
फिर कैसा भी समय आए जीवन में, तू कभी न हिम्मत हारना।
अपर्णा शर्मा
May17th,24

साहस बढ़ाती कविता
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Thank you
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