सुनते ही,पौत्री के विवाह का शुभ समाचार
दादी के मासूम बूढ़े चेहरे पर खिल गई मुस्कान।
पौत्री के सर पर वार फ़ेर कर रही
नज़र उतारे और कभी बलैया ले रही।
https://ae-pal.com/
ना जाने बक्सा में दादी क्या उलट-पलट रही.
लाल रंग का कश्मीरी शॉल उपहार दे रही।
सीखों की पोथी भी दी है संग इसमें
सदैव यहीं तो साथ देंगी जीवन में।
सभी नेग चार पर दादी की पैनी नजर
भूल चूक ना हो, रखी है सबकी खबर।
https://ae-pal.com/
प्रति रात जब ढोलक पर थाप लगती
बन्नी गाते-गाते खुद भी ठुमक लगाती।
माँ से थोड़ी बढ़ कर प्यारी होती है दादी
हमारे हर राज की हमराज होती है दादी।
दादी बिन सूना लगता माँ का अंगना
सच हैं कि तुम बिन जिया जाए ना।
अपर्णा शर्मा
Dec.5th,25


