पृथ्वी दिवस

स्वार्थ हेतु हज़ारों -हजार पेड़ों पर,हिंसा करता रहा जो मनुष्य
https://ae-pal.com/
पृथ्वी दिवस पर कह रहा, लगाओ पेड़ ताकि उज्ज्वल हो भविष्य।
अपर्णा शर्मा
April22nd,25

वक़्त ठिठका सा रहता है।

पुरुष के जीवन में जब दुर्घटना घट जाती है
तब उसकी जीवन नैया डगमगा सी जाती है।
https://ae-pal.com/
ठहरे वक़्त में भी कभी आस ना छूट पाती है
सभी के सहयोग से नई डगर दिख जाती है।

पर स्त्री होना आसान नहीं,वक़्त कहाँ चलता है
जीवन के हर दौर में वक़्त ठिठका सा ही रहता है।
https://ae-pal.com/
चुप सा वक़्त हर पल जीवन का लक्ष्य बदलता है
वो बदलती खुद को पर वक़्त ठहरा सा होता है।
अपर्णा शर्मा
April18th,25

डायरी का पन्ना

याद है वो डायरी का पन्ना
जो जिया गया पर कभी लिखा न गया।
https://ae-pal.com/
कोरा है वो डायरी का पन्ना
जो यादों से लिख कर हमेशा जिया गया।
अपर्णा शर्मा
April15th,25

Blog at WordPress.com.

Up ↑