तलाश

बेदर्द को हमदर्द समझने की भूल कुछ यूँ हो गई
https://ae-pal.com/
कि फिर हमसफर की तलाश यूँ मुकम्मल हो गई।
अपर्णा शर्मा
August 29th,23

Blog at WordPress.com.

Up ↑