होशियारी

जब तलक, रखे था वो,अपना सादा मिजाज
छला जाता रहा,वो, हर वक़्त, हर एहसास।
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सीख लेता गर वो,ज़माने की जरा भी होशियारी
जिंदगी में आ जाता उसके सुकून भरा इत्मिनान।
अपर्णा शर्मा
Dec.23rd,25

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