दालान से बड़ी खुशगवार लगती ये बारिश,
प्रिय की याद सी बरसती, मुस्कुराए बारिश.
बेमौसम गर खलिहान में बरस जाती ये बारिश,
माथे की शिकन, चिंता, दुश्वारी बढ़ाए बारिश.
दालान से बड़ी खुशगवार लगती ये बारिश,
प्रिय की याद सी बरसती, मुस्कुराए बारिश.
बेमौसम गर खलिहान में बरस जाती ये बारिश,
माथे की शिकन, चिंता, दुश्वारी बढ़ाए बारिश.