मासूम रही जब तक ज़िंदगी
बिंदास जीते रहे
समझदारियों ने फिर धीरे–धीरे
समझौते सिखा दिए।
जब मन के चपल समंदर में
ख्वाहिशों के ढेरों ज्वार उठे
तब समझौते के शांत भाटा ने
जिम्मेदारी के किनारे दिखा दिए।
समझौता शब्द जब पढ़ा मैंने
सम का अर्थ बराबर समझा
और समझौते के क्रियान्वयन
सदा एकतरफा ही दिखाई दिए।
