शब्द समंदर उथला सा

भावों के वृहत समंदर में
शब्द समंदर उथला सा
विचारों की उठती लहरों में
मनोभाव दिखा सिमटा सा।
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कुछ सोचे और कुछ लिख रहे
तितर-बितर से अर्थ बहें
भावुकता में डूब डूब कर
कल्पना ढूंढे अब किनारे।
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शब्दों की इस चित्रकारी में
भाव स्याही से नहीं भरे
उथले उथले इन शब्दों से
वाक्यों के विन्यास खड़े।
अपर्णा शर्मा
May,23rd 25

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