‘मैं’

हम तो अपनी ही ‘मैं’ में इस कदर जिए जा रहे हैं
बहुत पड़ा है जीवन,सोचकर ‘मैं’ में इठलाए जा रहे हैं।
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आजकल वो सबसे कह रहा, मुझमे मेरी ‘मैं’ बोलती है
‘मै’, तो ‘मैं’ है,अपनी ‘मैं’ रहती, किसी को कुछ नहीं समझती है।
अपर्णा शर्मा
July 16th,24

‘मैं’

जब जब ‘मैं’जीता है,तब तब ‘हम’ हार गया
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रंग बदलती दुनिया में,रिश्ता यूँ बेहाल हुआ।
अपर्णा शर्मा
May28th,24

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