ठोकर

ठोकरें भी जरूरी सी रही जिंदगी में
जो ताउम्र सम्भल कर जीना सिखा गई।
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उड़ते रहे जो सारे जहाँ औ आसमाँ में
कि आंधियां पंखों को साध ना सिखा गई।
अपर्णा शर्मा
Oct.24th,23

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