आँसू

आँसू भी रखते हैं,अपने और पराए की, बारीकी से परख।
https://ae-pal.com/
कहाँ रुकना है और कहाँ बह जाना है, तोड़ कर हर बाँध।
अपर्णा शर्मा
Oct.28th,25

खूबसूरत

जिंदगी बड़ी खूबसूरत हैं
ये बच्चे जैसे खरगोश से
लड़कियां गिलहरियों सी
फूल भंवरे, ये जंगल
नदियों की कल-कल
अचानक से ये सब कैसे?
हवाएँ थिरक गई
खुशबू महक गई
दिल के प्रांगण में
फूटा है एक अंकुर
नाम है प्रेम।
इसे हो जाने दो।
अपर्णा शर्मा
Oct. 24th,25

रौनके

दिलों में लेकर हज़ारों शिकायतें
और दिलों में भर कर स्याह अंधेरे।
https://ae-pal.com/
मना भी लिया ग़र, ये त्योहार रोशनी का
तो इतना बतादो कहां से लाओगे रौनके?
अपर्णा शर्मा
Oct.21st,25

Blog at WordPress.com.

Up ↑