जिंदगी का सफर

जीवन का सफर है ये अकेले का सफर
यहाँ सदा के लिए न आता कोई नज़र

जब तलक चाहे किसी को खूब मानिए
जब तलक चाहे किसी के काम आइए
पर किसी को कभी न कीजिए मजबूर।

जीवन का सफर है ये अकेले का सफर
यहाँ सदा के लिए न आता कोई नज़र ।
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जब कामनाएँ किसी की आप से बढ़ने लगे
परम नाता उन्हीं से, आप मानने लगे
मानिए शुरु होने को है आपका सफर।

जीवन का सफर है ये अकेले का सफर
यहाँ सदा के लिए न आता कोई नज़र।
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शिकायतें तो ता- उम्र लगी ही रही
कभी महफ़िलों के शोर में दबी रही
कभी वीरानगी में करती रही सफर

जीवन का सफर है ये अकेले का सफर
यहाँ सदा के लिए न आता कोई नज़र।
अपर्णा शर्मा
May16th,25

शुभचिंतक

अब उनसे बात नहीं होती जो हर हाल हौसला बढ़ाते रहे।
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दुःखों की घोर बारिशों में जो सुखों का आसमाँ दिखाते रहे।
अपर्णा शर्मा
May13th,25

सिंदूर

सिंदूर पर्याय है सुहाग का
सौन्दर्य का, अभिमान का
नारी के दमकते शीर्ष पर
प्रतीक है पति के प्रेम का।
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माथे की लाली तृप्ति दर्शाती
जीवन के प्रति उत्साह मनाती
सिंदूर बिन सूनी सी मांग को
स्त्री श्रृंगार को अधूरा मानती।

सिंदूर नहीं प्रतीक विवशता का
नहीं प्रतीक है, किसी बंधन का
रिश्तों के प्रेम और विश्वास को
चेहरे पर चांदनी सा झलकाता।
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लाल रंग समझने की भूल न करना
यह प्रतीक है शक्ति और अग्नि का
मान से दमकते समाज और संस्कृति का
स्त्री के मांग में सजते हुए अभिमान का।
अपर्णा शर्मा
May9th,25

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