सतत प्रार्थना यहीं कि सभी के सम्मुख हो अपना आसमाँ.
खिले,पले,बढ़े,स्वप्नों से गढ़ा सभी का रंगीन हो आसमाँ.
बचपन का मासूम कौतुहल से भरा छोटा सा आसमाँ.
खेल, खिलौने, माँ का अंक और दुलार, पिता सा प्यारा आसमाँ.
युवाओं के भविष्य के इर्द-गिर्द, उड़ानों से सजा नीला आसमाँ.
हौंसला देता, मार्ग प्रदर्शक सा,बन्द मुट्ठी में मचलता आसमाँ.
उम्र की साँझ में शांति, संतुष्टि के चाँद तारों से सजा आसमाँ.
हर सुख से भरा आँगन आशिर्वचन सा आसमाँ.
जिनका जीवन सब सुख से रहा सूना,तपता सा आसमाँ.
उन्हें भी जमीन देकर, संरक्षण देता चादर सा आसमाँ.
