चाँद जब

चाँद जब आसमाँ पर रोशनी बिखेरता है
ना जाने कितने रिश्तों में रंग बिखेर देता है।
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किसी का पुत्र,और प्रियतम बन इतराता है
कभी खुशी गम के किस्से सुन सिमट जाता है ।

अपर्णा शर्मा 23 May 23

एक ख़्याल

रिश्तों की चादर पर मोहब्बत के बेल बूटों को काढ़ लिया करों ।

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ख़ुशहाल मुस्तकबिल के लिए यादों का बक्सा भर लिया करों ।

अपर्णा शर्मा

16th May 23

तजुर्बा

गहराती रेखाएं चुगली कर रही,उम्र के बढ़ते पड़ाव की

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महसूस करा रही, कि तजुर्बे को, एक उम्र दांव पर थी।

अपर्णा शर्मा 9.5.23

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