हर रिश्ते का स्थाई भाव टिका है किसी न किसी आस तक
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वहीं स्नेह में इंतज़ार ही टिका हैअस्थायी भाव संग,अंत तक।
अपर्णा शर्मा
June 13th, 23
हर रिश्ते का स्थाई भाव टिका है किसी न किसी आस तक
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वहीं स्नेह में इंतज़ार ही टिका हैअस्थायी भाव संग,अंत तक।
अपर्णा शर्मा
June 13th, 23
ख़्वाहिश है कभी अंगड़ाई,कभी परछाई,कभी
मुस्कराती।
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कभी पूरी,कभी अधूरी,कभी जिम्मेदारियों में कुनमुनाती।
अपर्णा शर्मा
6th June 23
जीवन है धागे सा जो तकली सा खूब नाच नचाए
साँस के तानेबाने से जीवन हर पल बुनता जाए।
अपर्णा शर्मा
30th May 23