फुर्सत

कहीं व्यस्तताएं अनगिनत हैं,कि फुर्सत ढूंढे नहीं मिलती।
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कहीं फुरसतिया ना समझे कोई, सो व्यस्तताएं ओढ़ ली।
अपर्णा शर्मा
Oct.17th,23

जीवन में साँझ

जीवन के सफर में आते कई पड़ाव
कभी आशा भरी होती सुर्ख उजास।

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ऊँचाईयां छूता मध्याह्न जीवन का
फिर शीतलता दे जाती जीवन में साँझ।
अपर्णा शर्मा
Oct.10th,23

पिंजरा

अपनी खुशी के लिए किसी को बाध्य करना
जैसे उस को अपने पिंजरे में कैद करना.
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हर हाल में सभी की खुशियो का ख्याल करना
ऐसा ही है,जैसे खुद के लिए पिंजरा तैयार करना.
अपर्णा शर्मा
Oct.3rd,23

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