घरौंदे

चारों ओर दिखते हैं, मतलब से लबालब स्वार्थ के रिश्ते।
https://ae-pal.com/
बुजुर्ग आँखें जानती है, रेत सी जिंदगी में रेत के घरौंदे।
अपर्णा शर्मा
March12th,24

प्रवासी

तिनका तिनका
बाट जोहता
हिस्सा था वो
जिस नीड़ का।
https://ae-pal.com/
तिनका तिनका
रोज बिखरता
किस्सा है वो
अब भीड़ का।
(*नीड़-घोंसला)
अपर्णा शर्मा
March5th,24

जाने कब …

सपने,
सरल मन
और
शुद्ध ऊनी स्वेटर
मौसम दर मौसम
धुंधला गए ।
https://ae-pal.com/
सपनें,
सरल मन
और
शुद्ध ऊनी स्वेटर
सफाई दर सफाई
सिकुड़ते गए।
अपर्णा शर्मा
Feb.27th,24

Blog at WordPress.com.

Up ↑