किस से कहें?

मन की बातें ,कहने का तो, मन खूब ही करता है
फिर अपना विश्लेषण,हो जाने से भी मन डरता है।
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सरल हृदय से, जिसने जब अपना हाल सुनाया 
सुनने वाला ही अक्सर,सुनकर जग हँसाई करता है।

अपर्णा शर्मा July 30th,24

मिजाज

पत्थर दिल ने फूल पत्थरों में फेंककर
अपने दिल का मिजाज बता दिया।
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फूलों ने भी पत्थरों में मुस्करा कर
पत्थरदिलों को अपना एलान सुना दिया।
अपर्णा शर्मा
July 23rd,24

‘मैं’

हम तो अपनी ही ‘मैं’ में इस कदर जिए जा रहे हैं
बहुत पड़ा है जीवन,सोचकर ‘मैं’ में इठलाए जा रहे हैं।
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आजकल वो सबसे कह रहा, मुझमे मेरी ‘मैं’ बोलती है
‘मै’, तो ‘मैं’ है,अपनी ‘मैं’ रहती, किसी को कुछ नहीं समझती है।
अपर्णा शर्मा
July 16th,24

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