पतझड़

फलक,गर दरख्त से गिरे, तो सदा पतझड़ नहीं होता
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गर गिर जाए, अख़लाक़ घरों में,फिर बसंत नहीं होता।
अपर्णा शर्मा
Feb.25th,25

अनुराग

फ़ूलों के महकने से,भौरों के गुंजन से
जाग गई दिलों में,अधूरी कहानी यक से।
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बौराए अमराई की महक से, सरसों के फूल से
प्रेम के अनुरागी, डूबे हैं फिर उसी अनुराग में।
अपर्णा शर्मा
Feb.11th,25

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