खामोशी

अलग ही अंदाज में,जीती है खामोशी
चाहे पहली मुलाकात की,हो सरगोशी।
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या आखिरी मुलाकात की,अनगिनत चुप
फैली होती है कुछ बोलती हुई खामोशी।
अपर्णा शर्मा
April29th,25

पृथ्वी दिवस

स्वार्थ हेतु हज़ारों -हजार पेड़ों पर,हिंसा करता रहा जो मनुष्य
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पृथ्वी दिवस पर कह रहा, लगाओ पेड़ ताकि उज्ज्वल हो भविष्य।
अपर्णा शर्मा
April22nd,25

डायरी का पन्ना

याद है वो डायरी का पन्ना
जो जिया गया पर कभी लिखा न गया।
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कोरा है वो डायरी का पन्ना
जो यादों से लिख कर हमेशा जिया गया।
अपर्णा शर्मा
April15th,25

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