जो लफ्फाजी करते बहुत हैं,वो अक्सर सोचते बहुत हैं।
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छुपाकर गम को अपने दिल में,हर वक़्त टूटते बहुत हैं।
अपर्णा शर्मा
May 20th,25
शुभचिंतक
अब उनसे बात नहीं होती जो हर हाल हौसला बढ़ाते रहे।
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दुःखों की घोर बारिशों में जो सुखों का आसमाँ दिखाते रहे।
अपर्णा शर्मा
May13th,25
अमलतास
अग्नि से जलते फूल नहीं,झाड़फानुस लगते हो।
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शीतल समीर संग तुम, चेहरों पर मुस्कान देते हो।
अपर्णा शर्मा
May 6th,25
